Artificial Intelligence/कृत्रिम बुद्धिमत्ता
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस क्या हैं ?
इतिहास
आख़िर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी क्रांतिकारी तकनीक के इतिहास की शुरुआत कैसे हुई :-
- वर्ष 1949 में डोनाल्ड हेब्ब का 'हेब्बिएन लर्निंग' नियम आया, जिसमे वह दो न्यूरॉन्स के बीच की शक्ति के सम्बंध को संशोधित बताते हैं।
- वर्ष 1950 में एलन टूरिंग द्वारा कंप्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस नामक टेस्ट प्रस्तावित किया गया।
कृत्रिम बुद्धि का जन्म 1952 - 1956 से माना जाता हैं:-
- 1955 में पहला आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम की शुरुआत हुई जिसे "लॉजिक थेओरिस्ट {LogicTheorist}" का नाम दिया गया। इस प्रोग्राम को शुरू करने का श्रेय एलन नेवेल और हर्बर्ट {Allen Newell and Herbert} को जाता हैं।
- 1956 में डार्टमाउथ कांफ्रेंस में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस शब्द का प्रयोग जॉन मैकार्थी {JohnMcCarthy} के द्वारा किया।
- वर्ष 1972 में जापान ने इंटेलीजेंट हुमानोइड रोबोट बनाया -- वाबोट-1
- वर्ष 1980 'एक्सपर्ट सिस्टम' प्रोग्राम को बंद कर दिया गया, क्योंकि परिणामों के मुतबिक, इसमें ख़र्च बहुत ज्यादा आ रहा था।
- 1981 में जापान ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के लिए फ़िफ़्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की गई।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उद्धव (1997 - Present )
- वर्ष 1997 में वर्ल्ड चैस चैंपियन में डीप ब्लू {chess computer }ने गर्री कास्परोव को हराया।
- वर्ष 2001 एआई को पहली बार घरों में वैक्यूम क्लीनर के रूप में उपयोग में लाना शुरू हुआ।
- वर्ष 2006 फेसबुक, ट्विटर , नेटफ्लिक्स जैसी कम्पनिओं ने एआई का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।
- 2011 में आईबीएम वाटसन ने साबित किया की वह प्राकृतिक भाषा और मुश्किल सवालों को आसानी से सुलझा सकता हैं उदाहरण के लिए आईबीएम वाटसन ने quiz show जटिल प्रश्न व रिडल्स को हल किया।
- 2012 गूगल लॉन्च 'google now '....
- डीप लर्निंग, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस , इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स आदि का उपयोग हम आज तक ज़ारी हैं।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के प्रकार
1.एल्गोरिदम {Algorithms}
2. मशीन /डीप लर्निंग {Machine Learning}
3. नैरो एआई {Narrow/ Weak AI}
4. जनरल एआई {General AI}
5. बीओटी {BoT}
सामान्य जीवन में AI का उदाहरण
- गूगल सर्च
- फ़ोन में फिंगरप्रिंट
- ऑटोकरेक्शन (auto-correction )
- वर्चुअल पर्सनल असिस्टेंट जैसे - siri , alexa और गूगल असिस्टेंट
- इ -कॉमर्स साइट्स, यूट्यूब, नेटफ्लिक्स ,फेसबुक आदि
- जीपीएस तकनीक {गूगलर मैप }
- वीडियो गेम्स
- हवाई जहाज में ऑटो पायलट मोड
- स्पैम फ़िल्टर आदि
असामान्य जीवन में AI का उदाहरण
- रोबोटिक्स
- स्वचालित कार
- रोबोट (सोफ़िया ) आदि
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के लाभ
1. मानव त्रुटि में कमी तथा सटीकता में वृद्धि --
2. 24x 7 की उपलब्ध
3. निष्पक्ष निर्णय
4. 4.नये अविष्कार
5. डिजिटल सहायता
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से हम सभी से जीवन में काफी बदलाव आये हैं, फेसबुक से लेकर नेटफिक्स, होम अलेक्सा से लेकर स्मार्ट होम, स्वास्थ्य देखभाल, ऑनलाइन एजुकेशन , chatbot व मानव संवाद वर्तमान समय में बहुत सामान्य हो गया हैं ,तथा अन्य क्षेत्रों में डिजिटल सहायता से काम में काफ़ी हद तक आसान हो गया हैं और समय की काफ़ी बचत हुई हैं।
6. आपदा व अन्य कार्यो में एआई
रोबोटिक्स आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की एक शाखा हैं तथा हम सभी ने सोफिया हुमानोइड रोबोट के बारे में कहीं न कहीं पढ़ा ,देखा व सुना होगा। रोबोटिक्स के प्रयोग प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदों में प्रभावी रूप से किया जा सकता है तथा ऐसा काम जो मानव द्वारा किया जाना मुश्किल है वह काम रोबोटिक्स बड़ी आसानी से कर सकते हैं जैसे भूंकप का पूर्व अनुमान लगना , बम डिफ्यूज करना हो, स्पेस मिशनों में भेजना व समुद्र से प्राकृतिक खननों, ईंधनों की खोज का काम, गहरी खानों में खुदाई का काम इत्यादि।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के हानि
Elon Musk और Bill Gates जैसे उद्योगपति AI टेक्नोलॉजी को बहुत खतरनाक मानते है, उदाहरण के लिए 2007 में फेसबुक के द्वारा एक chatbot प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दो chatbot को आपस में बातचीत करनी थी परन्तु इसके परिणाम में यह हुआ कि दोनों चैट बोट्स ने अपनी खुद भाषा को विकसित कर लिया। लंदन के टेलीग्राफ अख़बार ने बताया -" रोबोट इंटेलिजेंस बहुत खतरनाक हैं।" हमने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के एक पहलू के बार में हम ऊपर पढ़ चुके हैं आइये आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के नकारात्मक पहलू के बारे में जानते हैं :-
1. बेरोज़गारी
फैक्ट्री, कारखानों, बैंकों आदि कई व्यवसायों में मशीनें व रोबोट इंसानों का की जगह ले लगेंगी तथा वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक इंसानों के के आधे से ज्यादा काम मशीनें करने लगेंगी।
2. उच्च कीमत व लागत
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त मशीनों को बनाने में बहुत सारा समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है तथा इन संसाधनों की कीमत भट ज्यादा है और इनका रखरखाव भी बहुत भी बहुत खर्चीला होता हैं।
3. रचनात्मकता का अभाव
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की सबसे बड़ी हानि यह है कि यह एक मशीन है जो अपने पूर्व अनुभवों से सीख कर काम करता हैं तथा आउट ऑफ़ बॉक्स सोचने की क्षमता अभी कम हैं परन्तु नए प्रयोग ज़ारी है जिससे भविष्य में ऐसी कमी को दूर किया जा सकता हैं।
4. मानवीय भावनाओं व गुणों का न होना
AI तकनीक फीडबैक प्रोग्राम के अनुसार काम करती है। उसके अंदर मानव जैसी भावनाओं का अभाव होता हैं। मनुष्य सही और गलत का फैसला अपने संज्ञानात्मक और भावनात्मक तरीके से कर करता है तो वही एक मशीन तथ्यों के आधार पर फैसला लेती हैं।
5. खतरनाक हाथियारों का निर्माण
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस अपने आप खतरनाक हथियार है,वह समय दूर नहीं है जब मानव AI कि मदद स्वचालित हथियार बना लेंगे और इसकी पूरी संभावना है कि रोबोटिक्स एक समय में सम्पूर्ण मानव जाति पर शासन कर सकता है। ऐसा हमें कई फिल्मों में देखने को मिलता है जैसे- Robot, Wall-E, ExMachina, 2001- A Space Odyssey, Metropolis, Her आदि।
निष्कर्ष
यह सत्य हैं कि मशीनें कितनी भी उन्नत या विकशित क्यों न हो जाए, लेकिन मानव की भावनाओं, सही - गलत तथा अच्छे -बुरे का अंतर एक इंसान से बेहतर नहीं कर सकती हैं। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के द्वारा मानव की जीवनशैली में बहुत नवीन परिवर्तन देखने को मिले रहे हैं। AI ने मानव के समय की काफी बचत की हैं, तो वही उसे आलसी भी बनाया हैं। AI के नकारात्मक प्रभावों के देखकर उस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है लेकिन AI के विकास और उसके विभिन्न स्तरों पर निगरानी व विनियमन की व्यवस्था का ध्यान रखा जा सकता हैं। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक और नकारात्मक। अब यह फैसला आपका हैं कि आप इस तकनीक का लाभ लेते है या हानि।
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